वर्तमान समय में तनाव की समस्या प्रत्येक वर्ग को है चाहे वह किसी भी आयु का क्यों ना हो। विशेषकर इस लेख में हम व्यस्त युवाओं के तनाव संबंधी समस्याओं पर लेख लिख रहे हैं, जो विभिन्न प्रकार की समस्याओं कानूनी गतिविधियों के मकड़जाल में फंसकर स्वयं को मानसिक रूप से पीड़ित बना लेते हैं। समय है सजग और सतर्क होकर लड़ाइयां को लड़ने के लिए। जीवन एक संघर्ष है और इस संघर्ष में आपको अर्जुन बनना होगा।
Tanav Se Kaise Bache In Hindi
अनेकों शोध यह प्रमाणित करते हैं कि विगत कुछ वर्षों में पुरुषों के आत्महत्याओं में अधिक वृद्धि हुई है। अनेक सरकारी एजेंसियां इस बात की पुष्टि करती है पुरुष और उसका परिवार विभिन्न प्रकार के कानूनी मकड़जाल में फंसकर स्वयं को मनोरोगी बना रहे हैं। जिसके कारण आत्महत्याओं में बड़े स्तर पर चौकाने वाले रिपोर्ट सामने आ रहे हैं। इस संदर्भ में आत्महत्या रोकथाम दिवस तक मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आठ लाख लोगों की मौत दुनिया भर में आत्महत्या के कारण हो रही है जिसमें लोग स्वयं को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से क्रियाकलाप करते हैं। इस संख्या में विगत कुछ वर्षों में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिली है। यह एक विचारणीय और गंभीर मुद्दा है। समय-समय पर न्यायालय भी मानता रहा है और टिप्पणी देता रहा है। पुरुष वर्ग को महिलाएं घरेलू हिंसा तथा अनेक प्रकार के झूठे मुकदमों में उलझा कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करती है। केवल पुरुष ही नहीं अपितु उनका पूरा परिवार इस मुकदमे के मकड़जाल में फंस जाता है। इस मकड़जाल से निकल पाना इतना आसान भी नहीं होता। स्वयं को इस मकड़जाल में घिरा हुआ पाकर व्यक्ति आत्महत्या करने का अत्यंत घृणित कार्य करने को आतुर होता है जिससे उसके जीवन की हानि होती है।
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तनाव के कारण (Tanav Se Kaise Bache In Hindi)
शादीशुदा तथा युवा वर्ग में तनाव के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
झूठे मुकदमे- झूठा मुकदमा व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। व्यक्ति अपने जीवन में ऐसी परिस्थितियों को पहली बार देखकर घबरा जाता है। सोचने समझने की क्षमता खो बैठता है जिसके कारण वह विभिन्न प्रकार के अवसादो से ग्रसित होता है। यह मुकदमे केवल स्वयं पर नहीं अपितु परिवार पर देखकर व्यक्ति मानसिक संतुलन खो बैठता है। भारत में कानूनी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जिससे कानून के दुरुपयोग को रोका रोका जा सके।
सामाजिक हानि- भारतीय समाज आरंभिक समय से संयुक्त और रूढ़िवादी मानसिकता का रहा है। ऐसे में झूठे मुकदमे और परिवार का विघटन, व्यक्ति के चरित्र पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। वह समाज में उन प्रश्नों का क्या उत्तर देगा? जिनका उत्तर समाज खुद अपने मन में बना कर बैठा है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने मन में ऐसी संकल्पनाओं का निर्माण करता है जो उसे भीतर तक तोड़ देती है।
आर्थिक क्षति- जब व्यक्ति झूठे मुकदमों के मकड़जाल में फंसता है तो उस पर एक-दो केस नहीं अपितु 5-6 या उससे भी अधिक केस लाद दिए जाते हैं। जिसे लड़ते-लड़ते वह आर्थिक रूप से इतना कमजोर हो जाता है, वह स्वयं से तथा कानून की बनाई हुई व्यवस्था के आगे हार मान जाता है।
मानसिक तनाव- अपने मन में अनेक संकल्पना का निर्माण कर व्यक्ति मानसिक तनाव में आ जाता है। यह तनाव एकांत के समय में और अधिक पीड़ादायक हो जाता है। अपने सुखमय भविष्य की कल्पना को बिखरता हुआ देख, व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार होने लगता है।
व्यर्थ की भागा-दौड़ी- जब व्यक्ति पर किस प्रकार की प्रताड़ना होती है तो वह उन केसों के संदर्भ में भागा दौड़ी करने लगता है। जो उसके जीवन का बड़ा समय व्यर्थ के क्रियाकलापों में घटित होता है। यह भागा दौड़ी शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाती है। जिस उम्र में उन्नति की अपार संभावना होती है। उस उम्र को व्यर्थ के भागा दौड़ी में लगाकर आगामी भविष्य बर्बाद किया जाता है।
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न्यायिक प्रक्रिया कि एक तरफा दृष्टिकोण- वर्तमान समय में निरंतर न्यायालय द्वारा यह टिप्पणी करना कि महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही है, कानूनन आतंकवाद फैला रही है। साबित करता है कि न्यायिक प्रक्रिया कहीं ना कहीं अपूर्ण और लाचार है जहां पुरुष वर्ग प्रताड़ित हो रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रताड़ना- कानूनी प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारी द्वारा कटाक्ष, व्यंग्य या प्रताड़ना व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक रूप से क्षति कारित करता है। कुछ स्वार्थी और एकतरफा जांच करने वाले अधिकारी, पुरुष वर्ग को जाने-अनजाने प्रताड़ित कर देते हैं। ऐसे में व्यक्ति तनाव में आ जाता है।
सतर्क और उचित सलाह की आवश्यकता (Tanav Se Kaise Bache In Hindi)
उपरोक्त घटनाएं निश्चित रूप से व्यक्ति को मानसिक दबाव बनाने में कामयाब होती है। ऐसे में कोई मजबूत व्यक्ति भी मानसिक रूप से पीड़ित ना हो ऐसा असंभव जान प्रतीत होता है। अगर आपके साथ निम्नलिखित घटनाएं होती है, तो आपको सतर्क होने तथा उचित सलाह लेने की आवश्यकता होती है।
1 निराशावादी बातें करना
2 जीवन के प्रति उदासीन भाव रखना
3 सामाजिक संबंधों से दूरियां बनाना
4 स्वयं को अकेला महसूस करना
5 गुमसुम मायूस और एकांत रहना
6 मानसिक रूप से तेज बदलाव
7 समय से नींद ना आना और देर से उठना
8 अचानक भूख कम लगना
9 घटनाओं के बारे में अधिक सोचना
10 लापरवाही से वाहन चलाना, जान जोखिम में डालना
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उपर्युक्त लक्षण यदि आपके साथ होते हैं तो आपको सतर्क होने तथा विशेषज्ञों की राय लेने की आवश्यकता है। स्वयं को एकांत और अकेला न रहने दें। अपना खाली समय समाज तथा मेलजोल में लगाएं। बड़े से बड़ा मुकदमा भी विश्वास और धैर्य से जीता जा सकता है। आप मुकदमों को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करें और उस पर विजय प्राप्त करें। दूसरों के लिए मिसाल पेश करें, ताकि झूठे मुकदमे लिखने वाले लोगों को सबक मिल सके।
कैसे करें स्वयं का बचाव (Tanav Se Kaise Bache In Hindi)
मनुष्य का जीवन बड़ा ही अनमोल होता है, छोटी-मोटी घटनाओं में स्वयं को बर्बाद करना कोई बुद्धिमानी का कार्य नहीं है। समाज में कार्य करने को बहुत कुछ है आप एक मिसाल पेश कर सकते हैं। अगर निराशावादी विचार आपके मन मस्तिष्क पर हावी होने लगे, तो आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं-
1 आशावादी बने रहें- किसी भी महान कार्य को कठिन कार्य को तभी पूरा किया जा सकता है। जबकि मनुष्य में दृढ़ संकल्प के साथ आशावादी विचार हो। अगर आप छोटी-मोटी घटनाओं में स्वयं को उलझा कर निराशावादी विचार के अधीन हो जाएंगे तो आप स्वयं हार मान जाएंगे इसलिए जीत के लिए स्वयं आशावादी बने रहें।
2 रुचि का विकास करें- निजी तौर पर व्यक्ति की कई रुचियां होती है आप अपनी रुचि को पहचाने और उस कार्य में संलग्न हो जाए। आप देखेंगे धीरे-धीरे आपके ऊपर से निराशावादी विचार तथा मानसिक तनाव दूर हो जाएगी, आप एक प्रखर प्रवृत्ति के व्यक्ति बनेंगे।
3 योग तथा प्राणायाम करें- योग तथा प्राणायाम मानसिक विकार को दूर करने में काफी मददगार होता है। आप इसके माध्यम से अपने ऊपर हावी हो रहे निराशावादी विचारों को दूर कर सकते हैं, और आशावादी बनकर बड़े से बड़ा कार्य सुगमता पूर्वक कर सकते हैं।
4 स्वयं को प्रेरित करें- अपने क्षेत्र में देखें आपसे पहले भी कई लोगों ने प्रेरणादायक कार्य किया है। आप उन महान व्यक्तियों को चिन्हित करें और उनका अनुसरण कर कुछ ऐसा महान कार्य करें, जो आपको भी महानता के सूची में शुमार कर ले।
5 व्यर्थ की चिंता छोड़े- व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन चिंता है जो व्यक्ति दिन रात चिंता में घिरा रहता है। वह कभी भी सफल नहीं हो पाता इसलिए चिंता से बाहर निकलिए और स्वयं को मजबूत बनाकर धर्य, साहस से कार्य कीजिए विजेता आप होंगे।
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समापन
उपरोक्त लेखक हमने उन युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए लिखा है। जो झूठे मुकदमों के मकड़जाल में फंसकर मानसिक तनाव के शिकार बनते हैं। उन युवाओं को हमने मानसिक रूप से तनाव मुक्त कार्य करने तथा अपने आगामी भविष्य को सुधारने का एक लक्ष्य दिया है। आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो, अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें आपके विचार हमारे लेख को मजबूत बनाते हैं।