Divorce Ke Kitne Din Baad Shadi Kar Sakte Hai तलाक के बाद शादी?

By | 05/10/2023

भारतीय कानून में सामाजिक व्यवस्था के अनुरूप न्याय की व्यवस्था की गई है, इसी क्रम में विवाह से संबंधित नियमों का संकलन हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में किया गया है। इसके अंतर्गत विवाह की सभी प्रक्रियाओं को धाराओं के सीमा में बांधा गया है। उसी क्रम में तलाक का जिक्र है, प्रस्तुत लेख में हम तलाक के उपरांत विवाह से संबंधित आपके प्रश्नों का हाल लिख रहे हैं।

Talak Ke Kitne Din Baad Shadi Kar Sakte Hai

तलाक के कितने दिन बाद शादी कर सकते हैं

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 15 के अंतर्गत तलाक के उपरांत पुनर्विवाह की विधि उल्लेख की गई है- ” जब की विवाह तलाक की आज्ञापित द्वारा भंग कर दिया गया है, और या तो आज्ञापित के खिलाफ अपील करने का कोई अधिकार नहीं है, और या यदि अपील करने का ऐसा अधिकार है, तो अपील करने के समय का अवसान, अपील पेश किए जाने के बिना हो गया है, या अपील की गई है, अपील खारिज कर दी गई है, तो विवाह में के किसी प्रकार के लिए फिर विवाह करना विधि पूर्ण होगा”

साधारण शब्दों में समझे तो कोर्ट द्वारा तलाक का आदेश जारी करने के उपरांत अगर 90 दिन के भीतर उसे आदेश को चुनौती नहीं दी गई तो विवाह करने की स्वतंत्रता होगी विवाह विधि मान्य होगा। 90 दिन के उपरांत किसी भी प्रकार से आदेश की चुनौती को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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आपसी सहमति से तलाक Mutual Divorce Ke Bad Shadi

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13B के तहत आपसी सहमति से तलाक की व्यवस्था की गई है। इस धारा के अंतर्गत हुए विवाह विच्छेद (तलाक) के उपरांत विवाह के संदर्भ में कोई समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। अतः आपसी सहमति से तलाक के बाद आप किसी भी समय विवाह करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें समय सीमा की कोई बाध्यता नहीं है। जबकि कोर्ट द्वारा प्राप्त तलाक के आदेश उपरांत 90 दिन की समय सीमा होती है। 90 दिन की प्रतीक्षा के उपरांत ही विवाह संपन्न किया जा सकता है। 90 दिन का समय आदेश को चुनौती देने के लिए होता है, उसके उपरांत चुनौती स्वीकार नहीं की जाती।

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समापन

व्यक्ति का जीवन कुछ समय के लिए और विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए होता है, अपने जीवन को स्थिर करने के बजाय मनुष्य को सदैव गतिशील होना चाहिए चाहे वह जीवन का कैसा भी पड़ाव क्यों ना हो। जीवनसाथी के महत्व को हम जानकारी नहीं सकते। हमें यह विश्वास दिलाया गया है कि बुढ़ापे में जीवनसाथी की आवश्यकता होती है। ना चाहते हुए भी हमें इस बात को स्वीकार करना पड़ता है। अगर आप ऐसे किसी असमंजस में है तो अपने लिए जीवनसाथी की तलाश करें, जो आपकी बातों को समझे आपके सुख-दुख में साथ दे। ऐसे किसी स्त्री के मिलने से निश्चित ही आपका जीवन सुखद हो सकता है। अगर आप तलाक का आदेश प्राप्त कर चुके हैं तो ऊपर बताए गए समयावधि के उपरांत विवाह कर सकते हैं।

उपरोक्त लेख आपको कैसा लगा? अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में बताएं आपके सुझाव हमारे लिए अहम है।

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