IPC 498A In Hindi
संबंधित कानून पति तथा पति के नातेदारों पर लागू होता है, जो विवाहिता को शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं।
क्या 498A में तुरंत गिरफ्तारी होती है?
सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश है 498A में जब तक गिरफ्तारी की आवश्यकता ना हो वहां गिरफ्तारी से बचना चाहिए। अर्नेश कुमार वर्सेस बिहार में सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय स्पष्ट किया है। 7 साल से अधिक की सजा जिन कानून के प्रावधान में नहीं है और जहां गिरफ्तारी अति आवश्यक नहीं हो जाती वहां गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।
गिरफ्तारी की हालात में उसे अपने सीनियर अधिकारियों से आज्ञा लेना होगा तथा कारणों को रजिस्टर में लिखना होगा। जो कोई इस निर्देश या आदेश का पालन नहीं करेगा उस पर कोर्ट की अवमानना का अभियोजन किया जाएगा और विभागीय जांच तथा दंड के दायरे में लाया जाएगा।
अरनेश कुमार वर्सेस बिहार Arnesh Kumar vs State of Bihar Judgement in Hindi
498A के बाद तलाक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिनांक 16 अगस्त 2023 को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की अवैध संबंध के झूठे आरोप क्रूरता की श्रेणी में आते हैं। माननीय न्यायालय ने पत्नी द्वारा पति पर लगाए जा रहे अवैध संबंध के झूठे आरोपों को क्रूरता कहा है।
माननीय न्यायालय का मानना है कि पति-पत्नी के बीच विश्वास और आस्था का संबंध होता है। यही वैवाहिक रिश्ते को कायम करते हैं। इसमें अविश्वास के कारण दरार पड़ती है जो पति या पत्नी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती है। यह क्रूरता की श्रेणी में आता है इस आधार पर तलाक को मंजूर किया जाना चाहिए।
उपरोक्त टिप्पणी के साथ माननीय उच्च न्यायालय ने पति की तलाक याचिका को स्वीकार करते हुए पति पक्ष में फैसला सुनाया।
महिला अपने आरोपों को साबित करने में असफल रही, जिसमें अपने पति पर अवैध संबंध का आरोप लगाया था।
125(4) CrPC in Hindi स्वेच्छा से अलग रह रही पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता
सुप्रीम कोर्ट के 498 ए निर्णय
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कई ऐसे मामलों की सुनवाई करते हुए पाया कि महिलाएं कानून का दुरुपयोग अपनी मानसिक संतुष्टि के लिए कर रही है। यहां तक की माननीय न्यायालय ने कहा 498A का कानून महिलाओं को ढाल के रूप में दिया गया था अब महिलाओं ने उसे हथियार बना लिया है जिससे पति तथा उसके परिवार वाले प्रताड़ित हो रहे हैं।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, Domestic Violence Act Details In Hindi
पत्नी के झूठे आरोपों से छुटकारा Mahila Cell Me Kya Hota Hai
व्यक्तिगत द्वेष को पूरा करने के लिए महिलाएं फैला रही कानूनी आतंकवाद – कोलकाता उच्च न्यायालय
बनश्री vs द्वैपायन दास 21 अगस्त 2023 को माननीय कोलकाता उच्च न्यायालय ने 498A के एक ऐसे मामले पर टिप्पणी करते हुए पति के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। माननीय न्यायालय ने माना कि महिलाएं व्यक्तिगत द्वेष को पूरा करने के उद्देश्य से कानून का दुरुपयोग कर रही है। महिला ने अपने पति पर जो आरोप लगाए थे वह सर्वव्यापी है। वह आरोप कुछ अलग नहीं था जो सभी आरोप पत्रों में नजर आता है।
न्यायलय ने मामले की जांच करते हुए पाया कि महिला के बयान अन्य दिए गए बयानों से मेल नहीं खा रहे थे। कोई भी महिला के बयान की पुष्टि नहीं कर पाया, इसलिए कोर्ट को प्रथम दृष्टया यही लगा महिला अपने व्यक्तिगत द्वेष को पूरा करने के उद्देश्य से पति तथा उसके घरवालों पर महिला से संबंधित कानून का दुरुपयोग कर रही है।
महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया था कि वह विवाह के कुछ समय पश्चात मानसिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना आरंभ कर दिया था। जान से मारने की धमकी जैसे संगीन अपराध भी अपने पति पर लगाए। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की विवेचना की किंतु पुलिस किसी ठोस सबूत या निर्णय पर नहीं पहुंच पाई।
महिला की मेडिकल जांच में भी यह साबित नहीं हो पाया कि उसे किसी प्रकार की चोट लगी थी।
माननीय न्यायालय ने मुकदमे की गंभीरता से अवलोकन किया और पाया व्यक्तिगत द्वेष, आत्मसंतुष्टि के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पति और उसके घरवालों पर झूठे मुक़दमे कर कानून का दुरूपयोग कर रही ही।
न्यायलय ने टिप्पणी की – विधायिका ने धारा का प्रावधान अधिनियमित किया है 498ए समाज से दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए था। लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि इसका दुरुपयोग किया जाता है। उक्त प्रावधान से नया कानूनी आतंकवाद फैलाया गया है।
माननीय कोलकाता उच्च न्यायालय ने धारा 482 के तहत विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए, पति के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों प्राथमिकी आदि को रद्द करने का आदेश सुनाया।
सम्बन्धित लेख भी पढ़ें
स्त्रीधन कब और किन परिस्थितियों में लौटाएं, Stridhan in Hindu Law in Hindi
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9. Section 9 Hindu Marriage Act in Hindi
महिलाएं ऐसे प्राप्त करें गुजारा भत्ता Section 125Crpc Hindu Marriage Act in Hindi
पोक्सो एक्ट की जानकारी हिंदी में POCSO Act in Hindi
41 CrPC in hindi नहीं कर सकती पुलिस आपको गिरफ्तार जानिए विस्तार से।